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लेखनी प्रतियोगिता -01-Jun-2023 "तेरी याद "

        "तेरी याद"

सारी दुनिया एक तरफ़ तेरी यादों की बस्ती एक तरफ़। 
उस बस्ती में खो कर मैं सारी दुनिया का उपहास उड़ाने लगती हूँ।। 

हर एक तेरी याद को मै, उस बस्ती में फूलों सी बिखराती हूँ। 
तब रंग बिरंगी यादों से मैं ,अपने मन की डालियाँ भर लेती हूँ।। 

कुछ यादें तेरी प्यार भरी, कुछ से ग़म का दरिया बहता हैं। 
दोनों का इत्र बना कर के यादों की बस्ती को महका लेती हूँ।। 

कुछ सौगातें यादों की मीठी रातों की, कुछ दिन बेरुखी के बचते हैं। 
बचे हुए उन दिनों को मैं, उस बस्ती से तन्हा कर देती हूँ।। 

कुछ इंतजार उन घड़ियों का, तू मिलने मुझसे आने वाला है। 
मैं एसी पागल लड़की हूँ, उस वक़्त सारी दुनिया को  इकट्ठा कर लेती हूँ।।

तेरी यादों में जीना मुझको, तेरी यादों में खो कर मर जाना है । 
तू आये या फ़िर ना आये तेरी यादों को हर दिन सांसों में भर कर जी लेती हूँ।। 

मधु गुप्ता "अपराजिता"







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8 Comments

बहुत खूब

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Thank you so much

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Abhinav ji

02-Jun-2023 08:29 AM

Very nice 👍

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Thank you so much🙏🙏

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शानदार अभिव्यक्ति

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तह दिल से शुक्रिया और आभार🙏🙏

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